सरदारपुर न्यायालय में नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही से अभिभाषक रहे विरत शनिवार को विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही से सरदारपुर न्यायालय के सभी अभिभाषक गण विरत रहे
इसके पूर्व 7 फरवरी से निरंतर सभी न्यायालयों में की जाने वाली न्यायालयीन कार्रवाई से सभी अभिभाषक गण विरत रहे इस प्रकार 5 दिन तक न्यायालय का कार्य अभिभाषकों के विरत रहने से प्रभावित हुआ। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पुराने चिन्हित 25 प्रकरणों में शीघ्र सुनवाई के जो नियम लागू किए गए इस कारण नए मामलों में सुनवाई पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा फौजदारी प्रकरणों में भी जल्दबाजी की जाने लगी इससे पक्षकारों के हित को देखते हुए अभिभाषक गणों ने न्यायालयीन कार्यवाही से विरत रहने का फैसला किया इसके पूर्व मुख्य न्यायाधीश महोदय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नाम ज्ञापन भी सरदारपुर न्यायालय के प्रथम जिला एवंअतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महोदय निरंजन कुमार पांचाल को सौंपा गया था किंतु इसके पश्चात भी कोई कार्यवाही ना होने से व्यथित होकर जिला अभिभाषक संघ के आव्हान पर सरदारपुर न्यायालय के अभिभाषकों ने नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही से विरत रहने का निर्णय लिया अभिभाषक संघ सरदारपुर के अध्यक्ष बी.जे.उपाध्याय ,सचिव के.के. वैष्णव के साथ सभी अभिभाषक गणों ने नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही में भाग नहीं लिया जिसकी वजह से नेशनल लोक अदालत पर गहरा असर पड़ा है। जब न्यायालय में पक्षकार लोक अदालत की कार्यवाही में नहीं जाने लगे, तब बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी, कर्मचारिगण न्यायालय परिसर के बाहर होटल की गुमटी में पक्षकारों को बुलाकर वसूली करते पाए गए अभिभाषकों के अभाव में लोक अदालत की कार्यवाही पर प्रतिकूल असर देखने को मिला है शनिवार को भी सरदारपुर के अभिभाषकों ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश महोदय के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें शिघ्र विचार करें
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