धनघटा(सन्तकबीरनगर):
भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सरकार लाख कोशिशें कर ले, लेकिन भ्रष्टाचारी अपना रास्ता निकाल ही लेते हैं।
आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी गल्ले की दुकान पर खाद्यान्न वितरण के लिए फरवरी माह से डिजिटल माप से ही खाद्यान्न तौलकर राशनकार्ड धारी को वितरित करने का नियम लागू किया गया है। इसके लिए शासन की ओर से प्रदेश के प्रत्येक कोटेदार को डिजिटल तौल मशीन व फिंगर डिवाइस मुहैया करा दी गई है। इस तौल मशीन की विशेषता यह है कि कोटेदारों द्वारा की जारी घटतौली पर रोक लगने के साथ साथ यूनिट चोरी भी नहीं की जा सकती है।
जानकारी के अनुसार राशनकार्ड संख्या दर्ज करते ही जब कार्ड धारक का फिंगर प्रमाणित हो जाता है,तो राशन कार्ड की सभी यूनिटों के अनुसार ही खाद्यान्न कोदेदार को तौलना पड़ता है। जिस कारण कोटेदार घटतौली करने में अपने आपको असहाय समझने लगे थे।
“तू डाल-डाल मैं पात-पात”को चरितार्थ करते हुए धनघटा तहसील क्षेत्र के दर्जनों कोटेदारों ने घटतौली करने का एक नया तरीका इजाद कर लिया है।
मालूम हो कि धनघटा तहसील के ग्राम पंचायत खाजो के कोटेदार द्वारा एक किलो चावल की गट्ठर तैयार कर तौल करते समय डिजिटल कांटे पर रखकर तौल किया जाता है। राशनकार्ड धारकों ने बताया कि कोटेदार द्वारा इस विषय में पूछताछ करते समय नाराजगी जताई जाती है।इसी प्रकार नाथनगर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मड़हा राजा और महादेवा , मानपुर,सुक्खीपुर , उमरिया, आदि ग्राम पंचायतों में भी कोटेदार द्वारा घटतौली के नये तरीके कमरे के अंदर तौल करने व गट्ठर रखकर तौल करने की शिकायत कार्ड धारकों ने किया है।
जब इस संबंध में उपजिला अधिकारी धनघटा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है। इस तरह का खेल करने वाले सभी कोटेदारों की दुकान की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर दुकान को निलंबित कर दिया जाएगा।

रिपोर्ट-अखिलेश यादव


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